ग्रामीण क्षेत्रों में बकरी पालन आय का मुख्य स्रोत माना जाता है.

ऐसे में बकरी पालकों को कई बातों का खास ध्यान रखना होता है.

बढ़ते बकरी के मेमनों के समुचित विकास और रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए उचित पोषण बहुत जरूरी है.

जन्म के बाद मेमनों को खीस पिलाना बहुत जरूरी है.

जो 24 घंटे बाद लगभग शून्य हो जाती है.

यह मात्रा शरीर के वजन के 1/10वें भाग के बराबर होनी चाहिए जिसे 24 घंटे में 2 या 3 बार दिया जाना चाहिए.

पहला खीस बच्चे के जन्म के तुरंत बाद उसके शरीर को पोंछकर और साफ करके दिया जाना चाहिए

जैसे-जैसे समय बीतता जाएगा, खीस का महत्व कम होता जाएगा.

पांच बकरियों की एक छोटी सी यूनिट लगाने में 20-25 हजार रुपये तक का खर्च आता है.

एक साल की बकरी बाजार में कम से कम 5 हजार रुपये में बिकती है.