खेती की तरह से मछली पालन के लिए भी बीज की जरूरत होती है.
उसका सिर्फ 25 से 35 फीसद बीज ही बड़ी मछली का आकार ले पाता है.
मछली पालने के लिए कोलकाता और आंध्रा प्रदेश के अलावा और दूसरी जगहों की हैचरी में भी बीज तैयार होता है.
लेकिन ऐसा करने पर बीज का सक्सेस रेट बहुत ही कम यानि 25 फीसद तक होता है.
तो वो 35 से 40 फीसद तक कामयाब रहता है. तीन से छह महीने तक आप बीज को नर्सरी में रख सकते हैं.
इस दौरान जीरा साइज का बीज फिंगर साइज या फिर 100 ग्राम तक का हो जाता है.
इस साइज के बीज को आप फिर तालाब में ट्रांसफर कर सकते हैं
तीन तरह के साइज में से सबसे ज्यादा जीरा साइज बीज बिकता है
ये बात अलग है कि बीज से एक-डेढ़ किलो तक की मछली बनने के सफर का फीसद बहुत कम है.
इसके एक-एक हजार बीज के पैकेट सप्लाई किए जाते हैं.