भारत में खेती-बाड़ी और डेयरी उद्योग में भैंसों की भूमिका अहम है.
अगर बात करें भैंस की सबसे खास और दुधारू नस्लों की, तो मुर्रा भैंस का नाम सबसे ऊपर आता है.
मुर्रा भैंस भारत की एक विशेष नस्ल है
भारत के पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश क्षेत्रों में पाई जाती है.
इसका शरीर सामान्यत काला या गहरे भूरे रंग का होता है और इसमें लंबी, घुमावदार सींग होती हैं.
यह भैंस प्रतिदिन औसतन 15-20 लीटर तक दूध देती है,
खानपान के साथ यह 30 लीटर तक दूध देने में सक्षम हो सकती है.
दूध की अधिक उत्पादकता: मुर्रा भैंस के दूध का उत्पादन बहुत अधिक होता है, जो डेयरी उद्योग में इसे एक मूल्यवान पशु बनाता है.
साफ-सफाई: भैंसों के बाड़े को हमेशा साफ रखना चाहिए ताकि वे किसी भी प्रकार की बीमारियों से बच सकें.
भारत में मुर्रा भैंस की मांग लगातार बढ़ रही है, खासकर दूध उत्पादन के क्षेत्र में.