130 सालो से इस गांव में नही मनाई जाती है होली, होली के दिन पसरा रहता है सन्नाटा, यह है वजह। होली का त्यौहार देशभर में काफी धूम धाम से मनाया जाता है यह त्यौहार बच्चों से लेकर बुजुर्गो तक सभी धूमधाम से मनाते है लेकिन मध्यप्रदेश के बैतूल जिले के मुलताई तहसील के गांव डहुआ में 130 सालो से होली का त्यौहार नही मनाया जाता है।
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होली के दिन पुरे गांव में मातम जैसा सन्नाटा पसरा रहता है यहाँ तक की इस गांव में बच्चे भी होली नही मनाते है एक बार युवाओ द्वारा होली मानाने का प्रयास किया गया था लेकिन उसमे भी असफल रहे यहाँ तक जी सी गांव के लोगो के द्वारा एक दूसरे को होली की शुभकामनाये भी नही दी जाती है। आइये जानते है आखिर क्यों नही मनाई जाती है होली।

गांव के प्रधान की मौत पर होली बैन का फैसला
आपको बता दे की 130 साल पहले ग्राम प्रधान की होली के दिन बावड़ी में गिरने से मौत हो गयी थी उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि देते हुए सभी गांव वालो ने संकल्प लिया की होली के दिन होली नही मनाई जाएँगी तब से यह निरंतर चलते आ रहा गई इस दिन गांव वाले एक दूसरे को होली की शुभकामनाये भी नही देते है ओट कलर भी नही लगते है।
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कोई किसी को नहीं देता होली की बधाई
आपको बता दे की ग्राम के बुजुर्गो द्वारा बताया जाता है की होली के दिन ग्राम के प्रधान नड़भया मगरदे की बावड़ी में गिरने से मौत हो गयी थी उसी के बाद गांव के सभी लोगो ने उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि दी और कहा की होली के दिन किसी को शुभकामनाये और कलर नही लगाएंगे इस तरह से यह होली खेलना प्रतिबंध कर दिया गया है और ग्रामीणों द्वारा यह आज भी पालन किया जाता है।

युवाओं ने होली खेलने का किया प्रयास, पर नहीं हो सके सफल
आपको बता दे की ग्राम के युवाओ से बात करेने पर उन्होंने बताया की उन्होंने कई बार इस प्रतिबंध को तोड़ने की कोशिश की लेकिन यह सफल नही हो पाई है वह बताते की है बचपन से देखते आ रहे है की गांव में होली नही मनाई जाती है उन्होंने इसे कई बार तोड़ने की कोशिश की है लेकिन यह सफल नही हो पाई जिसकी वजह से अब वह भी इस प्रतिबंध का पालन करते है।
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