इंदौर। संवाददाता
रविवार सुबह जस्टिस वंदना कसरेकर का कोरोना से निधन हो गया है । वंदना जी लंबे समय से शहर के मेदांता अस्पताल में ही भर्ती थी। कुछ दिनों पहले दिल्ली स्थित एक अस्पताल में उन्हें एयरलिफ्ट भी किया जाना था लेकिन हालत अधिक नाजुक होने के कारण नहीं किया जा सका और रविवार सुबह उनका निधन हुआ है। एक वर्ष बाद जस्टिस वंदना केसरकर रिटायर होने वाले थी। कोविड नोडल अधिकारी अमित मालाकार ने न्यायाधीश को कोरोना होने की पुष्टि की थी। डॉक्टर ने यह भी कहा है कि मल्टीलेवल ऑर्गन्स फेल होने से उनका निधन हुआ है।
ऐसा रहा ज़िंदगी का सफ़र
इनका जन्म 10 जुलाई, 1960 को मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में हुआ था। स्नेहलतागंज निवासी वंदना कसरेकर ने इंदौर के जीडीसी कॉलेज से बीएससी उत्तीर्ण की। बीएससी के बाद शासकीय कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय से एलएलबी उत्तीर्ण की और 1980 के दशक में जस्टिस सुभाष संवत्सर के यहां से अपना वकालत के क्षेत्र में कैरियर शुरू किया। तब संवत्सर वकील हुआ करते थे फिर वे हाईकोर्ट जज बने तो उनके दफ्तर का सारा कामकाज कसरेकर के पास आ गया और जब तक की संवत्सर सेवानिवृत्त नहीं हुए तब तक वह काम संभालती रही । आज भी उनकी पहचान संवत्सर के दफ्तर से ही है। उन्होंने सिविल सर्विस के मामलों में गहरी दक्षता हासिल की। वे 2014 मे हाईकोर्ट जज बनी।
उन्हें कुछ समय पहले कोरोना संक्रमित होने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 3-4 दिन पहले वेदांता में भर्ती रहने के दौरान उन्हें एयरलिफ्ट कर दिल्ली ले जाने का चल रहा था किंतु उन्हें नही ले जाया जा सका था। सुबह करीब 11.30 बजे मेदांता में उन्होंने कार्डियक अरेस्ट के कारण दम तोड़ दिया। कोविड 19 के नोडल अधिकारी अमित मालाकार के अनुसार वंदना कसरेकर की मौत की वजह कोरोना संक्रमण है।