Dear
शुक्ला Uncle की बेटी,

दिल कचोट के तुमको इ लव लेटर लिख रहे हैं । जानती हो एक हफ़्ता तक इंतजार किए हैं बिजली का लेकिन नहीं आया। पता चला कि बारिश इतना तेज़ हुआ की टेसफ़रमा जल गया है। तुमको तो पते ही है तुमसे बिना बतियाए हमको खाना निम्मने नहीं लगता है। पता है आज बारिश का पानी से पूरा मड़ईया में पानी गिर रहा है। जैसे देश की जी॰डी॰पी॰ आयें दिन गिर रही है।हम लालटेन के सहारे तुमको इ लेटर लिख रहे थे, वो भी बुझा गया,अच्छा हुआ लालटेन की सरकार नहीं आया, वरना वो लोग हमको पकड़ को अब तक नौकरी दे दिए होते। स्थिति ऐतना खराब हो गया है कि का बताएं लोटा ले कर खेत में भी नहीं जा पा रहे है। धन्य हो मोदी जी का जो लोगों को अब खेत में जाने से रोक दीये।

अरे हम किसान बिल की बात नहीं कर रहे, स्वच्छ भारत अभियान की बात कर रहे है। हम कोई कंगना तोड़े ही है, जिसके बारे में जानते नहीं उसके बारे में भी बोल दे।
याद है पिछले बार बिहार में जो बाढ़ आ गया था। वैसे तो हर साल आता है, नीतीश चा कुछ किये नहीं अब तक और अब बोल भी दिए कि हम आख़िर बार चुनाव लड़ रहे है। बताओ 20 साल में कुछ तो कर लिए होते तो हमको तुमसे मिलने के लिये इतना इंतज़ार नहीं करना पड़ता, पिछले साल दू सप्ताह हो गया था तुमसे बतियाए। कइसे-कइसे त हम नाव का जोगाड़ करके तुमको देखने गए थे। तुम हमको नहीं देखी लेकिन हम देख लिए थे तुमको। तुम मछली मार रही थी। हाथ में एगो गड़ई मछरी देख के तुम ऐतना खुश थी कि का बताए। ऐसा लग रहा था जइसे रामदेव बाबा कोरोना का दवाई खोज लिए है। वैसे भी बाबा जीं ने अच्छा पैसा बना लिया सोच रहे हमहु बाबा बन जायें, फिर सोचने लगते है तुम्हारे बिना हम रह कैसे पायेंगे।
बाकि इ बार कोनो उपाय नहीं है तुमको देखने का। ऐही से हम न पहिले ही कापी आऊर कलम रख लिए थे अपना साथ। की अपना दरद लिखेंगे। कइसे-कइसे बित रहा है एक-एक पल तुम्हरे बिना। जानती हो सेम सिचुएशन है मेरा आडवाणी जइसन। जइसे भूमिपूजन में नहीं जाने के बाद बेचारे का हाल था। एकदम वइसा ही हाल हमरा है बिना तुमसे मिले। लालटेन तो पहले से बुता गया, इसलिये हम दिन के अजोरिया में तुमको लेटर लिख रहे हैं। हमको पता है इ बिजली अच्छे दिन की तरह है,कहियो नहीं आयेगा।
अच्छा पहिले इ बताओ तुम कैसी हो ? हम तो भूलिए गए पूछना। हमको पता है तुम ठिके होगी। काहे कि हमरा पियार कऊनो पांच सौ और हजार का नोट नहीं है जो खराब हो जाएगा। जानती हो पंद्रह अगस्त वाला दिन न हमको तुम्हारा याद बहुते आ रहा था। उस दिन जब तुम उजरका सूट आऊर तिरंगा वाला टुप्पटा पहनती हो न….
तो मन में देशभक्ति का ऐसा जोश जगता है न कि साला बिना राफेल के चाइना के साफ कर दें । बाकि अपने देश का मीडिया भी कम देशभक्त ना है उ तो रोज यहाँ से पाकिस्तान आऊर चाइना का लेते रहता है।

अच्छा सुनो न! तुमको याद है तुम क्या वादा की थी इस बार। तुम नहीं कही थी कि हम और तुम डेरा वाले बरहम बाबा के पेड़ पर झुलूआ लगायेंगे और झूलते हुए सेल्फी लेंगे। लेकिन इ करोना साला ये साल पूरा चौपट कर दिया। साला मन करता है, डबल्यू॰एच॰ओ॰ और जम्पिंगआ का थूथन बिगाड़ दे।
पता है… हम सोचे हैं इ बार कि अगर करोना राहत का पैकेज न दे नीतीश चा कोनो बात नहीं है लेकिन एगो-एगो फटफटिया उपलब्ध करवा दें। जानती हो अगर फटफटिया रहता तो हम आते तुमसे मिलने और तुमको फटफट्टिया पर बइठा लेते और फिर ‘मसान’ फिलिम के दीपक आऊर शालू के तरह बतियाते। अरे आपदा में अवसर खोजते। जइसे मोदीजी खोजते रहते हैं। मगर साला नेता सबके भरोसे प्यार का सपना देखना रिया चक्रवर्ती से प्यार करने जइसा है। दूनो में बर्बादीए है।
अच्छा! छोडो़… लॉक्डाउन ख़त्म होने दो अपना बाबू जी के दहेज वाला साइकिल बेच के एगो फटफटिया खरीदेंगे। काहे कि साइकिल की सरकार तो बंने से रहा नहीं
हम तो कहते हैं नीतीश चा साइकिल वाला योजना छोड़ के फटफटिया वाला योजना चला देते तो अच्छा रहता। इस बार का हमलोगों का इ चुनावी एजेंडा रहेगा। बात किए हैं छोटका मोदी से पर उसको भी नौकरी से निकाल दिया, उभी बैलगाड़ी पर बइठ के दिल्ली जा रहा था, खैनी खरीदने । साला बइठा तो अइसे था जइसे फारम हाउस में विजय माल्या बइठा हो।

जानती हो कभी-कभी लगता है हमरे प्यार का दुश्मन सिर्फ़ हमरे-तोहरे घरवाला ही नाही है, साला देश की सरकार भी लगती है, अब देखो न चाहे मोदी हो या राहुल किसी की प्रेमिका नहीं है,मैं तो सोच रहा हु इस बार मैं खुदे चुनाव लड़ जाऊँ, कहे से की अपने यहाँ के विधायक , सांसद लोग को तो तुम देखती हो, इतना नीचे गिर जाते है की रुपया भी उतना नहीं गिरता ।

चलो ठीक है ध्यान रखना आऊर मछरी मार के खाते रहना। हमहूं जा रहे हैं दिल्ली कमाने अपने बिहार में रोज़गार तो है नहीं, का करे मोदी जी कहे हैं आत्मनिर्भर भारत का तो हमहु आत्मनिर्भर बनाने जा रहे है, लिखने का तो आऊर मन कर रहा है बाकि थोड़ा आऊरो काम है। “मन के बात” करने से खाली पेट नहीं न भरेगा।
तुम्हारा
बेरोज़गार आशिक़!
बहुते बढ़िया 👌👌