बिहार विधानसभा चुनाव में कई जगह रिश्ते भी दांव पर थे। सत्रहवीं विधानसभा में समधी-समधन साथ नजर आएंगे। वहीं जोकीहाट में सगे भाई ने ही भाई हरा दिया। मां-बेटे में से बेटा विधानसभा पहुंच गया तो पति-पत्नी में से कोई भी जीत हासिल नहीं कर सका। वहां ससुर और चाचा ही विधानसभा पहुंच सके हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री सह हम के अध्यक्ष जीतनराम मांझी इमामगंज से तो उनकी समधन ज्योति देवी बाराचट्टी से चुनाव जीत गई हैं। जोकीहाट सीट पर पूर्व मंत्री तस्लीमुद्दीन के दो बेटे सरफराज राजद से और शाहनवाज एआईएमआईएम से चुनाव मैदान में थे। शाहनवाज ने अपने भाई सरफराज को हरा दिया है।
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जदयू के कौशल कुमार नवादा से और उनकी पत्नी पूर्णिमा देवी गोविंदपुर से चुनाव हार गई हैं। आलमनगर से विधि मंत्री नरेंद्र नारायण यादव तो चुनाव जीत गए मगर उनके दामाद निखिल मंडल मधेपुरा सीट से चुनाव हार गए।
पूर्व सांसद आनंद मोहन की पत्नी लवली आनंद सहरसा से पिछड़ गईं मगर उनके बेटे चेतन आनंद ने शिवहर से जीत दर्ज की। इसी तरह पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह के भाई केदारनाथ सिंह तो बनियापुर से जीत गए मगर उनके पुत्र रणधीर कुमार सिंह छपरा सीट पर पिछड़ गए।