आजकल मिडल क्लास वालों की हालत ट्रेन की मिडिल बर्थ वाली हो गई हैं।
सबसे नीचे वाली सीट लोअर क्लास , सबसे ऊपर वाली अपर क्लास और जो बीच मै है वो मिडल क्लास …!!!!
ये जो मिडिल वाली मिडल क्लास है ना वो गरीबी की रेखा पकड़ कर लटका है ऊपर जा नहीं सकता और नीचे जाना नहीं चाहता..!!!
सबसे ज्यादा मुसीबत की मारी ये मिडल क्लास ही है.. क्योंकि लोअर और अपर की सीटें फिक्स रहती है और मिडल वाली को हमेशा लोहे के चैन से खोला और बंद किया जाता है …!!
सबसे ज्यादा तकलीफ मिडल वाली को ही होती है ,गलती से चैन छूट गई या टूट गई तो हड्डी मिडल वाले की ही टूटती है ..
यदि अपर और लोअर वाले पे कोई हैलिकोपटर ( सोते सोते खरराटा ) चलाना शुरू कर दे तो दोनों के बीच मै नींद मिडल वाले की ही खराब होती है।
अपर वाला उतरते और चढ़ते वक्त जाने अनजाने सबसे ज्यादा पाँवो से लात मिडल वाले को ही मारता है,जब तक अपर और लोअर वाले सो नही जाते मिडल वाला सो नही सकता..!!अपर वाला और लोअर वाला तो जैसे तैसे बैठ सकते है पर मिडल वाला ठीक से बैठ भी नही सकता और ना ठीक से खा सकता है ..और तो और टीटी भी आते ही सबसे पहले मिडल वाले की ही टांग खींच कर उठाएगा टिकट पलीज ……… बेचारा मिडल क्लास करे तो क्या करे ..??
ठीक से बाहर का नजारा भी नही देख सकता ……….
आप से निवेदन है इस मिडल वालों का खास खयाल रखना……….!!!
माफ कीजिये, हरेक पार्टी ने मिडल क्लास वालो को अपना ख्याल खुद रखने को कहा है।
!!!…..दर्द आपके शब्द हमारे…..!!!
जय हो …..!!!!
Woww……. Loved it… N it’s true….. 🥰
thank you