न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल
Updated Sun, 01 Nov 2020 02:16 PM IST
मतदान (प्रतीकात्मक तस्वीर)
– फोटो : amar ujala
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अब तक प्रत्याशियों को इस बात की छूट थी लेकिन अब उन्हें चुनाव में किए गए हर खर्च का ब्यौरा देना होगा। आयोग के आदेश के अनुसार, महापौर या अध्यक्ष या पार्षद प्रत्याशी को चुनाव खत्म होने के 30 दिन के भीतर अपने चुनाव का पूरा हिसाब-किताब निर्वाचन आयोग को देना होगा।
कितना खर्च कर सकेंगे पार्षद प्रत्याशी (नगर निगम)
जनसंख्या खर्च (रुपये में)
दस लाख से ज्यादा 8.75 लाख
दस लाख से कम 3.75 लाख
कितना खर्च कर सकेंगे पार्षद प्रत्याशी (नगर पालिका)
जनसंख्या खर्च (रुपये में)
एक लाख से ज्यादा 2.50 लाख
50,000 से एक लाख तक 1.50 लाख
50,000 से कम एक लाख
इसमें नामांकन से लेकर चुनाव परिणाम के दिन तक किए गए सभी खर्चों को शामिल किया जाएगा। नए आदेश के तहत प्रत्याशियों को तीन रजिस्टर रखने होंगे, जिसमें कितनी राशि कहां से आई, किसे दी गई और कितना खर्च किया गया, इस सबकी जानकारी देनी होगी।
रजिस्टर में हर दिन का हिसाब लिखना होगा, इसी के साथ खर्च के बिल और वाउचर भी रखने होंगे। अगर किसी आम व्यक्ति को इन प्रत्याशियों के खर्च का ब्यौरा देखना होगा तो वो निर्वाचन आयोग को दस रुपये की फीस जमाकर खर्च की एक प्रति ले सकते हैं।