न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल
Updated Sun, 01 Nov 2020 07:27 PM IST
पढ़ें अमर उजाला ई-पेपर
कहीं भी, कभी भी।
*Yearly subscription for just ₹299 Limited Period Offer. HURRY UP!
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में कोरोना के मद्देनजर रेलवे ने बड़ा फैसला लिया है। रेलवे अब उन यात्रियों को पांच साल तक की सजा दिलवाएगा, जो रेलवे स्टेशनों व ट्रेनों में कोविड-19 संक्रमण के नियमों का पालन नहीं करेंगे।
यानी यदि कोई यात्री ट्रेन या स्टेशन पर मास्क नहीं पहनता, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करता, कोविड-19 संक्रमित होने या सैंपल देने के बाद रिपोर्ट नहीं आने के पहले ट्रेन में यात्रा करता पाया जाए तो उसे इस तरह की सजा देने का प्रावधान होगा।
वहीं यदि कोई यात्री स्टेशन, ट्रेन के अंदर थूकता पाया जाता है और कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए जारी निर्देशों का पालन नहीं करता मिलता तो उसके खिलाफ भी रेलवे एक्ट-1989 की धारा-153 के तहत जुर्माने या सजा का प्रावधान होगा।
जनहानि व संपत्ति के केस होते हैं दर्ज
रेलवे एक्ट-1989 के तहत आने वाली धारा-153 में ऐसी सजा दी जा सकेगी। इस धारा में जनहानि व रेलवे संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के मामले दर्ज होते हैं। अब कोविड गाइडलाइन का पालन न करने वाले यात्री पर इसी धारा के तहत यह संभव हो सकेगा।
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में कोरोना के मद्देनजर रेलवे ने बड़ा फैसला लिया है। रेलवे अब उन यात्रियों को पांच साल तक की सजा दिलवाएगा, जो रेलवे स्टेशनों व ट्रेनों में कोविड-19 संक्रमण के नियमों का पालन नहीं करेंगे।
यानी यदि कोई यात्री ट्रेन या स्टेशन पर मास्क नहीं पहनता, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करता, कोविड-19 संक्रमित होने या सैंपल देने के बाद रिपोर्ट नहीं आने के पहले ट्रेन में यात्रा करता पाया जाए तो उसे इस तरह की सजा देने का प्रावधान होगा।
वहीं यदि कोई यात्री स्टेशन, ट्रेन के अंदर थूकता पाया जाता है और कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए जारी निर्देशों का पालन नहीं करता मिलता तो उसके खिलाफ भी रेलवे एक्ट-1989 की धारा-153 के तहत जुर्माने या सजा का प्रावधान होगा।
जनहानि व संपत्ति के केस होते हैं दर्ज
रेलवे एक्ट-1989 के तहत आने वाली धारा-153 में ऐसी सजा दी जा सकेगी। इस धारा में जनहानि व रेलवे संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के मामले दर्ज होते हैं। अब कोविड गाइडलाइन का पालन न करने वाले यात्री पर इसी धारा के तहत यह संभव हो सकेगा।
Source link