
मुंगेर हिंसा को विपक्ष ने जलियांवाला बाग जैसी घटना बताया है. (फाइल फोटो)
बिहार के राज्यपाल से कांग्रेसी प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात कर नीतीश कुमार और सुशील कुमार मोदी को अविलंब हटाने की मांग की. उन्होंने प्रतिमा विसर्जन के दौरान मारे गए युवक के परिजनों को 50 लाख रुपये मुआवजा देने की भी मांग की.
- News18Hindi
- Last Updated:
October 30, 2020, 4:00 PM IST
राज्यपाल को सीआईएसएफ की रिपोर्ट दिखाई
राज्यपाल से मुलाकात के बाद कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता और वरिष्ठ नेता रणदीप सुरेजवाला ने कहा कि हमने राज्यपाल को घटना के बारे में पूरी जानकारी दी है. हमने उन्हें सीआईएसएफ (CISF) की रिपोर्ट दिखाई है. सीआइएसएफ की रिपोर्ट में यह कहा गया है कि इस मामले में पुलिस से भारी चूक हुई है. इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 26 अक्टूबर को पुलिस ने ही गोली चलाई थी. रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि मुंगेर की घटना को जान-बूझकर अंजाम दिया गया. इस पूरे मामले के लिए नीतीश कुमार और सुशील मोदी जिम्मेदार हैं उन्हें तुरंत बर्खास्त किया जाना चाहिए. सुरजेवाला ने आरोप लगया कि सरकार एसपी और डीएम को बचाने में लगी है. उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले की न्यायिक जांच सिटिंग जज से कराई जानी चाहिए. गौरतलब है कि राज्यपाल फागू चौहान से मिलने गए कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने की. उनके साथ प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष मदन मोहन झा, पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा समेत कई कांग्रेसी नेता थे.
Patna: Congress delegation led by Randeep Surjewala met Bihar Gov Phagu Chauhan over Munger lathi-charge & firing
R Surjewala says,”We demanded immediate suspension of CM Nitish Kumar & Dy CM Sushil Modi. Compensation of Rs 50 lakhs must be given to family of man who was killed” pic.twitter.com/YCIf7JOhiZ— ANI (@ANI) October 30, 2020
ये है सीआईएसएफ की फाइंडिंग
आपको बता दें कि CISF की रिपोर्ट के अनुसार, 26 अक्तूबर की रात 11 बजकर 20 मिनट पर CISF के 20 जवानों की टुकड़ी को मूर्ति विसर्जन की सुरक्षा ड्यूटी के लिए जिला स्कूल स्थित कैंप से भेजा गया था. राज्य पुलिस ने इन 20 जवानों को 10-10 के दो टुकड़ी में बांट दिया. इनमें से एक ग्रुप को एसएसबी और बिहार पुलिस के जवानों के साथ दीनदयाल उपाध्याय चौक पर तैनात किया गया था. रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि 26 अक्टूबर की रात को करीब 11 बजकर 45 मिनट पर विसर्जन यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं और लोकल पुलिस के बीच विवाद शुरू हुआ. इसकी वजह से कुछ श्रद्धालुओं ने पुलिस और सुरक्षाबलों पर पत्थरबाजी शुरू कर दी थी. रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि मामला बढ़ने के बाद पुलिस की ओर से स्थिति को काबू में करने के लिए सबसे पहले हवाई फायरिंग की गई. इसके कारण ही श्रद्धालु भड़क गए और पत्थरबाजी शुरू कर दी.