
जब चाहे दुनिया के सबसे अमीर आदमी बन सकते हैं टाटा, खुद की कंपनी में मजदूरों की तरह किया काम
रतन टाटा ने जब अपनी कंपनी से करियर शुरू किया तो वो चाहते तो अच्छी पोस्ट पर आ सकते थे, लेकिन फिर भी उन्होंने फैक्ट्री मजदूरों के साथ काम शुरू किया.
- News18Hindi
- Last Updated:
December 28, 2018, 12:30 PM IST
दरअसल रतन टाटा अपनी कमाई का 65 फीसदी हिस्सा दान कर देते हैं. उनकी कंपनी का जो भी प्रॉफिट होता है वो उसे समाज कल्याण के लिए दान कर देते हैं. ये पैसा उनकी निजी फाइनेंशियल स्टेटमेंट में दर्ज नहीं होता है. इसीलिए रतन टाटा की निजी संपत्ति 100 करोड़ से ऊपर नहीं जाती है.
रतन टाटा ने जब अपनी कंपनी से करियर शुरू किया तो वो चाहते तो अच्छी पोस्ट पर आ सकते थे, लेकिन फिर भी उन्होंने फैक्ट्री मजदूरों के साथ काम शुरू किया. कहते हैं कि वो इसके जरिए जानना चाहते थे कि आखिर मजदूरों की जिंदगी क्या है और उनके परिवार को इस बिजनेस को खड़ा करने में कितनी मेहनत लगी.
ये भी पढ़ें- Birthday Special | रतन टाटा ने ऐसे लिया था अपमान का बदलारतन टाटा अपनी निजी जिंदगी के बारे में ज्यादा कुछ नहीं बताते मगर कहते हैं कि उन्हें कारों का बहुत शौक है. इसी वजह से वो सारी लेटेस्ट मॉडल की कार अपने पास रखते हैं. रतन टाटा की फेवरेट कार फरारी है. इतना ही नहीं रतन टाटा को प्लेन उड़ाना भी आता है और बकायदा उनके पास इसका लाइसेंस भी है.

मुख्यमंत्री रघुवर दास के साथ रतन टाटा
बहुत कम लोगों को पता है कि झारखंड के मौजूदा मुख्यमंत्री रघुवर दास ने टाटा की फैक्ट्री में 17 सालों तक काम किया है. मुख्यमंत्री रघुवर दास 1978 से 1995 तक मुख्यमंत्री रघुवर दास रांची में मौजूद फैक्ट्री में मजदूरी करते थे.