
अक्षय कुमार को फिल्म देखकर गुस्साए लोग
हाउसफुल 4 समीक्षाः अक्षय कुमार (Akshay Kumar) को केंद्र में रखकर बनाई गई ये फिल्म हर मिनट बेकार से वाहियात की ओर बढ़ती है.
- News18Hindi
- Last Updated:
October 25, 2019, 3:58 PM IST
कहानी ये है कि तीन भाई हैरी (अक्षय), मैक्स (बॉबी देओल/Bobby Deol) और रॉय (रितेश देशमुख/Ritesh Deshmukh) लंदन में रहते हैं. वे तीनों तीन अमीर लड़कियों कृति (कृति सेनोन/Kriti Sanon), पूजा (पूजा हेगड़े/Pooja Hegde) और नेहा (कृति खरबंदा/Kriti Kharbanda) से शादी करना चाहते हैं. इसी सिलसिले में सबको हिंदुस्तान में सितमगढ़ नाम की जगह पर आना पड़ता है. यहां आकर उन्हें पिछले जन्म की बातें याद आने लगती हैं.
सेंट्रल प्लाट के नाम पर इतना ही है. इसके बाद जो भी है वो सब अक्षय का है जिन्होंने अपनी तरफ से कोई कसर नहीं छोड़ी है, लेकिन उन्हें साथी कलाकारों की तरफ से कोई सहारा नहीं मिलता है. ऊपर से फिल्म हर मिनट बेकार से वाहियात होती चली जाती है.

हाउसफुल 4 की कहानी बेसिर-पैर की है.
फिल्म की तीनों नायिकाएं ज़्यादातर नाच-गाने के दृश्यों में ही प्रमुखता से दिखाई गई हैं. इनके अलावा भी कई कलाकार, जैसे नवाज़ुद्दीन और राना दग्गुबाती, बीच-बीच में आते हैं मगर लाइमलाइट अक्षय पर ही स्थिर रहती है. कई बार निर्देशक फरहाद सामजी का यह फैसला सही भी लगता है, क्योंकि अगर इस फिल्म को कोई बिल्कुल ही सेंसलेस होने से बचाता दिखता है तो वो अक्षय हैं.
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हालांकि मेकर्स ने कभी भी सीरियस फिल्म बनाने का दावा नहीं किया था, लेकिन हमें इस तरह की अति साधारण कॉमेडी के लिए भी तैयार नहीं किया था. फिल्म में ऐसे कम ही मौके हैं जब आप लगातार 15 मिनट तक इसमें रुचि रख सकें. असल में यह ‘तीस मार खान, जानेमन और जोकर (अंग्रेज़ी वाली नहीं)’ जैसी फिल्मों की कड़ी में अगली फिल्म है.
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मेरी तरफ से हाउसफुल 4 को मिलते हैं 1.5 स्टार. उम्मीद है आप अपनी दिवाली ख़राब नहीं होने देंगे.
डिटेल्ड रेटिंग
कहानी | : | |
स्क्रिनप्ल | : | |
डायरेक्शन | : | |
संगीत | : |