फिल्म में अपारशक्ति खुराना, दिव्येंदु शर्मा और हर्ष मायर लीड रोल में नजर आ रहे हैं. यूडली फिल्म्स (Yoodle Films) प्रोडक्शन के बैनर तले बनी इस फिल्म को आशीष आर्यन ने डायरेक्ट किया है. फिल्म में जैतून (अपारशक्ति), विजय दीनानाथ चौहान (दिव्येंदू शर्मा) और जुगनू (हर्ष मायर) की तीन कहानियां चल रही हैं. इनमें जैतून की कहानी एक लव स्टोरी है, तो वहीं दीनानाथ चौहान और जुगनू मुंबई जाने का सपना संजोये बैठें हैं.
पिज्जा से पटी पुलिस
इस फिल्म की खास बात ये है कि इसमें कानपुर में जैसे चलता है, वो बखूबी दिखाया गया है. फिल्म की शुरुआत में एक सीन है, जिसमें जैतून अपनी गर्लफ्रेंड (हर्षिता गौड़) को प्रपोज करने गंगा किनारे लेकर जाता है और वहीं ‘कांड’ हो जाता है. जैसे ही जनाब घुटने पर बैठ प्रपोज करते हैं, पीछे से एक आदमी जोर से गैस का गोला छोड़ देता है. जैतून उस पर भड़कता है और वो शख्स निकल लेता है. लेकिन इसके बाद टिपिकल वो दो-चार भैया लोग आते हैं, जो प्रेम के सख्त खिलाफ होते हैं और जैतून को पीट-पीट कर उसका सारा प्रेम रस निकाल देते हैं. किसी तरह जैतून पुलिस थाने में ‘पिज्जा’ खिलाकर अपनी जान बचाता है.
खुद का ही केस लड़ रहे विजय दीनानाथ चौहान
जैतून के जैसे विजय दीनानाथ चौहान भी लड़की के चक्कर में ही मुसीबत मोल लिए पड़े हैं. दीनानाथ पेशे से वकील हैं और खुद का ही केस लड़ रहे हैं. वो कोर्ट कचहरी में इतना फंसे होते हैं कि उनको अपना मुंबई जाने का सपना चकनाचूर होता नजर आता है. दुनिया भर की सेटिंग भिड़ाने के बाद भी उनकी मुसीबत कम होने का नाम नहीं ले रही है. उनका दोस्त काजल एक सच्चे दोस्त के जैसे उनका ऐसा साथ देता है कि काम बनने की बजाए हर बार बिगड़ ही जाता है.
जबरदस्त हैं ‘लम्पट हरामी’
दिग्गज एक्टर विजय राज का भी रोल बेहद मजेदार है और उन्होंने इस फिल्म में ‘लम्पट हरामी’ का किरदार निभाया है. एक विलेन बाप की भूमिका में नजर आ रहे विजय राज से जुगनू उनका बेटा बेहद परेशान है. लम्पट हरामी चाहते हैं कि जुगनू उनके जैसा बनें और ड्रामा कर के लोगों को एंटरटेन करे. लेकिन जुगनू महाशय मशहूर शेफ संजीव कपूर के जैसा बनना चाहते हैं. अपने सपने को लेकर वो कई बार पिटते भी हैं और कनपुरिया लहजे में गाली भी खाते हैं.
डैडी लोग का भी है बोलबाला
खैर ये तो बात हुई फिल्म के तीन हीरों लोगों की. अब बात करते हैं उन किरदारों की जिनका फिल्म में रोल भले ही कम हो. लेकिन उनकी एक्टिंग ने गहरी छाप छोड़ी है. Sacred Games त्रिवेदी यानी चितरंजन त्रिपाठी फिल्म में जैतून के पिता हैं और डॉक्टर साहब बनें हैं. ये ऐसा डॉक्टर है जो गौ मूत्र को ही हर मर्ज की दवा मानता है. चितरंजन फिल्म में कानपुर के जो खेले खिलाए अंकल होते हैं, जिन्हें कोई मामू नहीं बना सकता, बिलकुल वैसे ही लग रहे हैं. ऐसे ही फिल्म की हिरोइन हर्षिता गौड़ के पिता बने हैं जय गंगाजल, मैरी कॉम जैसी मशहूर फिल्मों में काम कर चुके और विलेन के रूप में अपनी छाप छोड़ चुके एक्टर शक्ति कुमार. ये कानपुर जैसे शहर में एक कूल डैड का रोल प्ले कर रहे हैं. जो कि अपनी बेटी के बॉयफ्रेंड से खुलकर बात करने में विश्वास रखते हैं और अपनी बीवी के चले जाने के गम में शराब भी खूब पीते हैं.
एंडिंग से होंगे थोड़े निराश
फिल्म के एंड में सबकुछ अच्छे नोट पर ही खत्म होता है. लेकिन एंडिंग को लेकर थोड़ी निराशा जरूर होगी, क्योंकि ऐसा लग रहा है कि पिक्चर एकदम से खत्म हो गई है. खैर इसके बावजूद भी लम्पट हरामी की ड्रामा कंपनी, दीनानाथ का कोर्ट कचहरी, जुगनू का खाना खजाना और जैतून की इमोशनल मगर फनी लव स्टोरी आपको खूब हंसाएगी. इस रिव्यू में अगर कोई बात रह हो गई हो तो वो आप फिल्म खुद देखकर पता लगा सकते हैं.
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