Business Ideas: 80 रु से की थी शुरुआत 2019 तक कमाए थे 1600 करोड़ रूपए, आज पद्मश्री से सम्मानित की गयी।1959 में मुंबई के गिरगांव में सात महिलाओं द्वारा की गई थी। इनमें प्रमुख नाम जसवंतीबेन जमनादास पोपट का है, जिन्होंने अपनी छह सहेलियों- पार्वतीबेन रामदास ठोडानी, उमजबेन नरनदास कुंडालिया, भानूबेन एन. टण्णा, लागूबेन अमृतलाल गोकणी, जयाबेन वी. विठलानी, और दिवालीबेन लुक्का के साथ मिलकर इस सहकारी संस्था की नींव रखी।
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शुरुआत में, इन महिलाओं ने समाजसेवी छगनलाल करमशी पारेख से 80 रुपये उधार लेकर अपने घर के आंगन में पापड़ बनाना शुरू किया। पहले दिन उन्होंने चार पैकेट पापड़ बनाए और स्थानीय दुकानदार को बेचे। धीरे-धीरे उनकी मेहनत रंग लाई, और लिज्जत पापड़ एक विश्वसनीय ब्रांड बन गया।
आज, लिज्जत पापड़ की 81 शाखाएँ हैं और यह 45,000 से अधिक महिलाओं को रोजगार प्रदान करता है। कंपनी की वार्षिक आय 1,600 करोड़ रुपये से अधिक है, और यह पापड़ के अलावा मसाले, गेहूं का आटा, चपाती, और डिटर्जेंट जैसे उत्पाद भी बनाती है।
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जसवंतीबेन पोपट के नेतृत्व में, लिज्जत पापड़ ने महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण का उदाहरण प्रस्तुत किया है। उनके योगदान के लिए, उन्हें 2021 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया।
लिज्जत पापड़ की कहानी साबित करती है कि सीमित संसाधनों और कठिन परिस्थितियों में भी, सामूहिक प्रयास और दृढ़ संकल्प से बड़े सपने साकार किए जा सकते हैं।
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